ईश गिरीश नरेश परेश महेश बिलेशयभूषण भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥
Isha Girisha Naresha Paresha Mahesha Bileshaya Bhushana Bho।
Samba Sadashiva Shambho Shankara Sharanam Me Tava Charanayugam॥|
हे नाथ आप पर्वतों/पहाड़ों के स्वामी हैं। आप पुरुषों में सर्वश्रेष्ठ हैं और आप अपने गले में सर्पों/साँपों की माला को
आभूषण की भाँती धारण करते हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त
सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।
उमया दिव्यसुमङ्गळविग्रहयालिङ्गितवामाङ्ग विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥
Umaya Divya Sumangala Vigraha Yalingita Vamanga Vibho।
Samba Sadashiva Shambho Shankara Sharanam Me Tava Charanayugam॥
हे नाथआपकी बाई भुजा में पार्वती हैं, जो दिव्य और शुभ है। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत
रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।
ऊरीकुरु मामज्ञमनाथं दूरीकुरु मे दुरितं भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥
Uri Kuru Mamagyamanatham Duri Kuru Me Duritam Bho।
Samba Sadashiva Shambho Shankara Sharanam Me Tava Charanayugam॥
हे नाथ आप मुझे स्वीकार करो/अपनी शरण में ले लो। मैं मुर्ख, अज्ञानी और अनाथ हूँ, मुझे अपनी शरण में जगह दो।
हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में
मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।
ऋषिवरमानसहंस चराचरजननस्थितिकारण भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥
Rshivara Manasa Hamsa Charachara Janana Sthiti Laya Karana Bho।
Samba Sadashiva Shambho Shankara Sharanam Me Tava Charanayugam॥
हे
नाथ आप महान दूर दृष्टि रखने वाले और भविष्य को जानने वाले हैं। हे नाथ आप ही समस्त जीवों का सृजन करते हो,
भरण पोषण करते हो और आप ही विघटन करने वाले भी हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा
शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।
अन्तः करणविशुद्धिं भक्तिं च त्वयि सतीं प्रदेहि विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥
Antah Karana Vishuddhim Bhaktim Cha Tvayi Satim Pradehi Vibho।
Samba Sadashiva Shambho Shankara Sharanam Me Tava Charanayugam॥
हे
नाथ आपकी सहचारी मुझ पर दया कर सकती हैं और मुझे मेरे मन की पवित्रता
और भक्ति दया के रूप में दें।
हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में
मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।
करुणावरुणालय मयि दास उदासस्तवोचितो न हि भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥
Karuna Varuna Laya Mayidasa Udasastavochito Na Hi Bho।
Samba Sadashiva Shambho Shankara Sharanam Me Tava Charanayugam॥
हे
नाथ आप करुणा के स्वामी हैं। मैं आपका दास हूँ और मुझ जैसे दास के प्रति आपकी विमुखता उचित नहीं है, भाव है
की आप मुझ पर अपनी करुणा रूपी आर्शीवाद
को दें। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने
वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।
जय कैलासनिवास प्रमथगणाधीश भूसुरार्चित भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥
Jaya Kailasa Nivasa Pramatha Ganadhisha Bhu Surarchita Bho।
Samba Sadashiva Shambho Shankara Sharanam Me Tava Charanayugam॥
हे
नाथ आपकी जय हो आप कैलाश के निवासी हैं। आप प्रथमगण के स्वामी हैं और आपको ब्राह्मणों
के द्वारा पूजा जाता
है। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों
में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।
झणुतकझङ्किणुझणुतत्किटतकशब्दैर्नटसि महानट भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥
Jhanutaka Jhankinu Jhanutatkita Taka Shabdairnatasi Mahanata Bho।
Samba Sadashiva Shambho Shankara Sharanam Me Tava Charanayugam॥
हे
नाथ आप महान नृत्य कुशल हैं और आप नृत्य से झनु, ताक, झनकिनु, झानू, तातकिता की ध्वनि उत्पन्न करते हैं। हे
अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा
स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।
धर्मस्थापनदक्ष त्र्यक्ष गुरो दक्षयज्ञशिक्षक भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥
Dharmasthapana Daksha Tryaksha Guro Daksha Yagyashikshaka Bho।
Samba Sadashiva Shambho Shankara Sharanam Me Tava Charanayugam॥
हे
नाथ आपके पास धर्म को स्थापित रखने की शक्ति और प्रभाव है। हे प्रभु आप त्रिनेत्र
धारी हैं, आप गुरु हैं और आप ही
दक्ष के बलिदान के प्रभाव को समाप्त करने वाले हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने
वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।
बलमारोग्यं चायुस्त्वद्गुणरुचितां चिरं प्रदेहि विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥
Balamarogyam Chayustvadguna Ruchitam Chiram Pradehi Vibho।
Samba Sadashiva Shambho Shankara Sharanam Me Tava Charanayugam॥
हे
नाथ मुझे सदा स्थाई / चिर काल के लिए सामर्थ्य
और शक्ति प्रदान करें। मुझे दीर्घायु
और स्वास्थ्य
प्रदान करें, और
ऐसी बुद्धि दें जो सदा आपमें ही लगी रहे। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप
समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।
भगवन भर्ग भयापह भूतपते भूतिभूषिताङ्ग विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥
Bhagavan Bharga Bhayapaha Bhuta Pate Bhutibhushitanga Vibho।
Samba Sadashiva Shambho Shankara Sharanam Me Tava Charanayugam॥
हे
नाथ आप सूर्य के स्वामी हैं और पाप और बुराइयों
का अंत करने वाले और भय दूर करने वाले हैं। आप भूत गण के
स्वामी हैं। आपके तन पर भभूति रमी हुई है। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप
समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।
शर्व देव सर्वोत्तम सर्वद दुर्वृत्तगर्वहरण विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥
Sharva Deva Sarvottama Sarvada Durvrutta Garvaharana Vibho।
Samba Sadashiva Shambho Shankara Sharanam Me Tava Charanayugam॥
हे नाथ आप ही देवताओं में सर्वश्रेष्ठ
हैं। आप दुर्जनों
के अभिमान को दूर करने के लिए उनका अंत करे। हे अनादि और
अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं
आपके चरणों का शरणागत हूँ।
सत्यं ज्ञानमनन्तं ब्रह्मेत्येतल्लक्षणलक्षित भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥
Satyam Jnanamanantam Brahme Tyellakshana Lakshita Bho।
Samba Sadashiva Shambho Shankara Sharanam Me Tava Charanayugam॥
हे नाथ हे प्रभु, सत्य, ज्ञान और अनंत की विशेषता वाला ब्रह्म कौन है?
हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के
पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत
हैं, आपके चरणों में
मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।
हाहाहूहूमुखसुरगायकगीतपदानवद्य विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥
Ha Ha Hu Hu Mukha Suragayaka Gita Padana Padya Vibho।
Samba Sadashiva Shambho Shankara Sharanam Me Tava Charanayugam॥
हे नाथ आपकी महानता का वर्णन गन्धर्व के गीतों से प्राप्त
होता है। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति,
सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।
|| इति श्री शंकर आचार्य कृत सुवर्णनम्अलस्तुतिः||
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